शरीर रचना विज्ञान (एनाटाॅमी) चिकित्सा-विज्ञान की वह शाखा है जिसमें शरीर की रचना एवं उसके विभिन्न अंगों के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है तथा शरीर क्रिया विज्ञान (फिशियोलाॅजी) चिकित्सा-विज्ञान की वह शाखा है जिसमें शरीर में संपन्न होने वाली क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इन दोनों विषयों का एक ही पुस्तक में समावेश किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक की विषय सामग्री को अथक परिश्रम के पश्चात बहुत सोच समझकर सुव्यवस्थित ढंग से लिखा गया हैं।
प्रस्तुत पुस्तक चिकित्सा क्षेत्र से संबद्ध पूर्वस्नातक एवं परास्नातक छात्रों, पैरामेडिकल कोर्स के छात्रों तथा चिकित्सकों के लिए अति उपयोगी है।
पुस्तक बहुत ही सरल और आसानी से समझ में आने वाली भाषा में लिखी गयी है। हिंदी के तकनीकी शब्दों के आगे ब्रैकट में अँग्रेजी के समानार्थक शब्दों को लिखा गया है। अतः पुस्तक पढ़ने में कहीं कोई व्यवधान या भ्रांति उत्पन्न नहीं होगी, सभी बाते आसानी से समझ में आती जायेंगी और पुस्तक को पढ़ने में पाठकों की रुचि बनी रहेगी। विषय को समझाने के लिए पर्याप्त संख्या में चित्र एवं सारणियाँ दी गई हैं। समस्त अंगों की जानकारी अनेकों चित्रों के माध्यम से देते हुए सभी अंगों की विस्तृत कार्य प्रणाली का बोध कराया गया है।